NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 1-राख की रस्सी

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कक्षा 5 – हिंदी

अध्याय-1 राख की रस्सी

 

NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 1-राख की रस्सी (Raakh Kee Rassi) 

यह सामग्री संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से प्रयोग करें।

लघु प्रश्न 

प्रश्न 1 तिब्बत के 32 वें राजा कौन थे?

उत्तर 1 तिब्बत के 32 में राजा सौनगवसैन थे।

प्रश्न 2 लोनपो गार तिब्बत के 32 वें राजा सौनगवसैन के दरबार में क्या थे ?

उत्तर 2 लोनपो गार राजा सौनगवसैन के दरबार में मंत्री थे।

प्रश्न 3 लोनपो गार किस बात के लिए प्रसिद्ध थे?

उत्तर 3 लोनपो गार अपनी चालाकी और हाजिर जवाबी के लिए दूर-दूर तक मशहूर थे।

प्रश्न 4 लोनपो गार चिंतित क्यों थे?

उत्तर 4 लोनपो गार चिंतित थे क्योंकि उनका बेटा बहुत भोला था।

प्रश्न 5 लोनपो गार ने अपने बेटे को सौ भेड़ें देते हुए क्या आदेश दिय?

उत्तर 5 लोनपो गार ने अपने बेटे को सौ भेड़ें देते हुए कहा, “तुम इन्हें लेकर शहर जाओ । मगर इन्हें मारना या बेचना नहीं। इन्हें वापस लाना सौ जौ के बोरों के साथ । वरना मैं तुम्हें घर में नहीं घुसने दूंगा। “

प्रश्न 6 शहर में लोनपो गार के बेटे की मदद किसने की?

उत्तर 6 शहर में लोनपो गार के बेटे की मदद एक लड़की ने की।

प्रश्न 7 पहली बार लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद किस प्रकार की ?

उत्तर 7 पहली बार लड़की ने भेड़ों के बाल उतारे और उन्हें बाजार में बेच दिया। जो रुपए मिले उनसे जौ के सौ बोरे खरीदकर उसे घर वापस भेज दिया।

प्रश्न 8 दूसरी बार लड़की ने लोनपो गार के बेटे की मदद किस प्रकार की ?

उत्तर 8 दूसरी बार लड़की ने भेड़ों के सींग काटकर बाज़ार में बेच दिए। जो रुपए मिले उनसे सौ बोरी जौ खरीद कर उसे घर वापस भेज दिया।

प्रश्न 9 दूसरी बार भेड़े और जौ के बोरे देने के बाद पिता ने बेटे को क्या करने के लिए कहा?

उत्तर 9 पिता ने कहा कि उस लड़की से कहो कि हमें नौ हाथ लंबी राख की रस्सी बना कर दे।

प्रश्न 10 लड़की ने राख की रस्सी बनाने के लिए क्या शर्त रखी?

उत्तर 10 लड़की ने राख की रस्सी बनाने के लिए शर्त रखी कि लोनपो गार को वह रस्सी गले में पहननी होगी।

प्रश्न 11 लड़की ने राख की रस्सी कैसे बनाई?

उत्तर 11 लड़की ने नौ हाथ लंबी रस्सी ली उसे पत्थर के सिल पर रखा और जला दिया रस्सी जल गई मगर रस्सी के आकार की राख बच गई।

प्रश्न 12 क्या लोनपो गार राख की रस्सी को गले में पहन पाए?

उत्तर 12 लोनपो गार उस रस्सी को गले में नहीं पहन पाए। पहनना तो दूर से उठाना भी मुश्किल था।

प्रश्न 13 आपको वह लड़की कैसी लगी ?

उत्तर 13 हमें वह लड़की बहुत समझदार लगी।

प्रश्न 14 क्या लोनपो गार की चिंता दूर हुई?

उत्तर 14 हां, लोनपो गार की चिंता अब दूर हो गई थी। क्योंकि उनके बेटे को एक समझदार जीवन साथी मिल चुकी थी।

प्रश्न 15 अगर लोनपो गार के बेटे की शादी उस लड़की से ना होती तो क्या होता?

उत्तर 15 हो सकता है उसे कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ता। लेकिन उस लड़की से शादी ना होने पर भी वह अपना जीवन जीता ।

पाठ्य पुस्तक अभ्यास प्रश्न

भोला -भाला

1 तिब्बत के मंत्री अपने बेटे के भोलेपन से चिंतित रहते थे।
(क) तुम्हारे विचार से वे किन किन बातों के बारे में सोच कर परेशान होते थे?

उत्तर: मंत्री जी का बेटा बड़ा हो गया था। वह बहुत भोला-भाला था। बिल्कुल भी होशियार नहीं था। उनके बाद बेटे का काम कैसे चलेगा? वह जीवन में क्या करेगा? उसे कोई भी आसानी से बेवकूफ बना देगा । उसका जीवन बहुत कठिन होने वाला है। यह सब सोचकर मंत्री जी चिंतित रहते थे।

(ख) तुम तिब्बत के मंत्री की जगह होती तो क्या उपाय करती?

उत्तर: वह भोला भाला परंतु सक्षम था। मैं उसे जीवन के लिए आवश्यक सभी काम सिखाती। उसे लोगों से मिलने जुलने के मौके देती ताकि वह उनके व्यवहार को समझ सकता। उसे गलतियां करने देती और उनसे सीखने देती। साथ ही उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करती।

शहर की तरफ

1 मंत्री ने अपने बेटे को शहर की तरफ रवाना किया।
(क) मंत्री ने अपने बेटे को शहर क्यों भेजा था?

उत्तर: मंत्री अपने बेटे को जीने की कला सिखाना चाहता था। जीवन में आने वाली मुश्किलों से सामना करना सिखाना चाहता था। उसे अच्छे और बुरे में फर्क करना सिखाना चाहता था। उसकी सूझबूझ की परीक्षा भी लेना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपने बेटे को शहर भेजा था।

(ख) उसने अपने बेटे को भेड़ों के साथ शहर में ही क्यों भेजा?

उत्तर: मंत्री ने अपने बेटे को शहर इसलिए भेजा होगा ताकि वह अधिक लोगों के संपर्क में आए। वह जितने अधिक लोगों से मिलता उसे उतने ही प्रकार के अच्छे और बुरे अनुभव प्राप्त होते। इन अनुभवों के आधार पर वह सच्चे और झूठे लोगों में फर्क करना सीखाता। इससे उसकी समझ बढ़ती और होशियारी से जीना सीखता।

2 “जौ” एक तरह का अनाज है जिसे कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रोटी बनाई जाती है। सत्तू बनाया जाता है और सूखा भूनकर भी खाया जाता है। अपने घर में और स्कूल में बातचीत करके कुछ और अनाजों के नाम पता करो

गेहूं,       जौ

उत्तर: 1 रागी, 2 बाजरा, 3 ज्वार, 4 चावल, 5 जई

तुम सेर, मैं सवा सेर

2 मंत्री ने बेटे से कहा, “पिछली बार भेड़ों के बाल उतारकर बेचना मुझे जरा भी पसंद नहीं आया। ” क्या मंत्री को सचमुच यह बात पसंद नहीं आई थी उत्तर का कारण भी बताओ

उत्तर: मुझे लगता है, मंत्री समझ गए थे कि जिस लड़की ने यह तरकीब उनके लड़के को बताई थी, वह अवश्य ही बहुत समझदार और चालाक थी। वह उसकी चतुराई को एक बार और परखना चाहते थे। उसमे वह अपनी बहु देख रहे थे । इसलिए उन्होंने कहा होगा कि उन्हें भेड़ों के बाल उतार कर बेचना पसंद नहीं आया।

सींग और जौ

पहली बार में मंत्री के बेटे ने भेड़ों के बाल बेच दिए और दूसरी बार में भेड़ों के सींग बेच डाले। जिन लोगों ने यह चीजें खरीदी होंगी, उन्होंने भेड़ों के बालों और सींगों का क्या किया होगा? अपनी कल्पना से बताओ।

उत्तर: जिन लोगों ने यह चीजें खरीदी उन्होंने बालों से ऊनी कंबल, पट्टू, कोट की पट्टी, गुलबंद, गर्म टोपी और पहाड़ी सदरी तथा सींग से सजावट का सामान और वाद्य यंत्र बनाए होंगे।

बात को कहने के तरीके

1 नीचे कहानी से कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन बातों को तुम और किस तरह से कह सकती हो
(क) चैन से जिंदगी चल रही थी ।

उत्तर:-

:- ज़िंदगी चैन से चल रही थी।

:- चल रही थी ज़िंदगी चैन से।

:- ज़िंदगी चल रही थी चैन से

(ख) होशियारी उसे छूकर भी नहीं गई थी।

उत्तर:-

:- उसे होशियारी छू कर भी नहीं गई थी।

:- छूकर भी नहीं गई थी होशियारी उसे ।

:- होशियारी, छू कर भी नहीं गई थी उसे।

(ग) मैं इसका हल निकाल देती हूँ।

उत्तर:-

:- इसका हल मैं निकाल देती हूँ।

:- हल निकाल देती हूँ मैं इसका।

:- निकाल देती हूँ मैं इसका हल।

(घ) उनकी अपनी चालाकी धरी रह गई।

उत्तर:-

:- अपनी चालाकी धरी रह गई उनकी।

:- धरी रह गई चालाकी अपनी उनकी।

:- अपनी चालाकी उनकी, धरी रह गई।

2 लोनपो गार का बेटा होशियार नहीं था।
(क) ‘होशियार’ और ‘चालाक’ में क्या फर्क होता है? किस आधार पर किसी को तुम चालाक या होशियार कह सकती हो? इसी प्रकार ‘भोला’ और ‘बुद्धू’ के बारे में भी सोचो और कक्षा में चर्चा करो

उत्तर:- होशियार और चालाक दोनों ही का अर्थ समझदार और चतुर है। लेकिन होशियार शब्द चीजों और घटनाओं को जल्दी समझ लेना और सही गलत का निर्णय करना दर्शाता है। जबकि चालाक शब्द चीजों और घटनाओं को अपने फायदे के अनुसार समझना और अपने हित में निर्णय लेना दिखाता है। यह थोड़ा कम अच्छा प्रतीत होता है।

‘भोला’ और ‘ बुद्धू’ कई बार एक ही अर्थ में प्रयोग कर लिया जाता है। जबकि इनमें फर्क है। भोला वह व्यक्ति हो सकता है जो निर्णय सिर्फ अपने फायदे को सोचकर नहीं करता। वैसे तो जीवन जीने वाला कोई भी जीव बुद्धू नहीं हो सकता पर फिर भी बुद्धू वह व्यक्ति हो सकता है जो सही और गलत का निर्णय ना कर सके या निर्णय लेने में देर करे।

(ख) लड़की को तुम ‘समझदार’ कहोगी या ‘बुद्धिमान’? क्यों?

उत्तर: लड़की बुद्धिमान थी। उसके निर्णय तर्क के अनुसार थे। उसने हर समस्या का समाधान लोनपो गार की शर्तों के अनुसार तुरंत ही कर दिया। समस्या देने वाले को भी सोचने पर विवश कर दिया। इसमें उसकी समझदारी भी दिखती है।

नाम दो

कहानी में लोनपो गार के बेटे और लड़की को कोई नाम नहीं दिया गया है । नीचे तिब्बत में बच्चों के नामकरण के बारे में बताया गया है । यह परिचय पढ़ो और मनपसंद नाम छोड़कर छाँट कर बेटे और लड़की को कोई नाम दो।

उत्तर: लोनपो गार के बेटे का नाम फू दोरजे तथा लड़की का नाम डावा रखूंगी ।

पढ़ें:- NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 2- फसलों के त्यौहार

NCERT Solutions 5th Hindi Chapter 1- राख की रस्सी (Raakh Kee Rassi) 

यह सामग्री संदर्भ के लिए है। आप अपने विवेक से प्रयोग करें।


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